अभिनंदन... अभिनंदन!

वो रुके थे लिफ्ट के लिये,
मुझे लगी थी चाय की प्यास...
जा राहा था चुपचाप पॅन्ट्री मै,
पीछे से आई हलकी सी आवाज!

हुई खुजली उनको...
पुछा बडी दिलदारी से हमको!

वो - भाई कैसे हो
मै - बस, खुश हू!
वो - अभिनंदन... अभिनंदन!
मै - हा मेरा खत्म हुआ टेन्शन,
आप अपनी सुनाओ. ☺

लिफ्ट खुली, जनाब चल दिये!
हम मन ही मन मे बहोत हस लिये!




#TrueStory 🙏🏽 #सशुश्रीके 

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