भूल आया था घडी...

बडी फुरसत थी उस दिन,
भूल आया था घडी

इंतजार किया था बहोत,
अचानक!... दिन में रात हो गई

लगा जैसे छीन गई हो रोशनी,
आँखो से मेरी!

वो आई थी बिना दस्तक,
नाम था उसका, कंबख्त 'निंद'

कलाइयोंपे फिरसे गई नजर...
भूल आया था घडी.

#सशुश्रीके । १४ जून २०१६

Comments

Popular posts from this blog

फडणीस सर...

बालपणीचं फोल्डर लगेच मिळतं!

दही पूरी...